टेस्ट ड्राइव के बाद डीलर से कौन-कौन से सवाल पूछें

टेस्ट ड्राइव के बाद डीलर से कौन-कौन से सवाल पूछें

1. ऑन-रोड प्राइस और अन्य चार्जेस के बारे में पूछें

टेस्ट ड्राइव के बाद जब आप गाड़ी खरीदने का मन बना रहे हैं, तो सबसे जरूरी सवालों में से एक है – गाड़ी का ऑन-रोड प्राइस क्या है? अक्सर डीलर एक्स-शोरूम प्राइस बताते हैं, लेकिन असली खर्चा ऑन-रोड प्राइस होता है जिसमें कई अन्य चार्जेस भी जुड़ते हैं। इसलिए, डीलर से साफ-साफ पूछें कि ऑन-रोड प्राइस में कौन-कौन से खर्चे शामिल हैं। इसमें आरटीओ (RTO) शुल्क, बीमा (Insurance), लोकेल टैक्स (Local Tax), हैंडलिंग चार्जेस, एक्सेसरीज़, और दूसरे हिडन फीस भी हो सकते हैं। हर राज्य और शहर में ये चार्जेस अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए अपने सिटी के हिसाब से पूरी डिटेल लें। इससे आपको फाइनल बजट प्लान करने में आसानी होगी और कोई अनचाहा सरप्राइज़ नहीं मिलेगा। हमेशा डीलर से डिटेल ब्रेकअप मांगें ताकि आप हर खर्चे को समझ सकें और सही निर्णय ले सकें।

2. फाइनेंस और लोन विकल्पों की जानकारी लें

टेस्ट ड्राइव के बाद अगर आप कार खरीदने का मन बना रहे हैं, तो डीलर से फाइनेंस और लोन से जुड़ी पूरी जानकारी जरूर लें। भारत में ज्यादातर लोग कार फाइनेंस के जरिए ही खरीदते हैं, इसलिए निम्नलिखित सवाल पूछना बहुत जरूरी है:

डीलर से पूछे जाने वाले मुख्य सवाल:

  • कौन-कौन सी फाइनेंस स्कीम्स उपलब्ध हैं?
  • ब्याज दरें (Interest Rates) कितनी हैं?
  • मिनिमम डाउनपेमेंट कितना देना होगा?
  • EMI (मासिक किस्त) कितनी बनेगी?
  • लोन की अवधि (Tenure) क्या है?
  • क्या कोई प्रोसेसिंग फीस या हिडन चार्जेज़ हैं?

फाइनेंस विकल्पों की तुलना

विकल्प ब्याज दर (%) डाउनपेमेंट (₹) ईएमआई (₹/माह) लोन अवधि (महीने)
बैंक लोन 8.5 – 10.5 1,00,000+ 10,000+ 12-84
एनबीएफसी लोन 10 – 13 75,000+ 12,000+ 12-60
डीलर फाइनेंस स्कीम 9 – 11.5 90,000+ 11,000+ 12-72

सुझाव:

हमेशा अलग-अलग फाइनेंस विकल्पों की तुलना करें और टोटल लागत को समझें। डीलर द्वारा दी जा रही विशेष ऑफर्स या छूट के बारे में भी पूछना न भूलें। यदि संभव हो तो EMI कैलकुलेशन करके अपनी मासिक बजट योजना तैयार करें। इस तरह आप अपने लिए सबसे बेहतर फाइनेंस विकल्प चुन सकते हैं।

वॉरंटी और सर्विस पैकेज के बारे में जानें

3. वॉरंटी और सर्विस पैकेज के बारे में जानें

टेस्ट ड्राइव के बाद डीलर से आपको सबसे पहले वाहन पर मिलने वाली वॉरंटी की पूरी जानकारी लेनी चाहिए। स्टैंडर्ड वॉरंटी आमतौर पर हर नई कार के साथ मिलती है, लेकिन इसकी अवधि और कवर किए जाने वाले पार्ट्स अलग-अलग ब्रांड्स में भिन्न हो सकते हैं। इसके अलावा, कई डीलर एक्सटेंडेड वॉरंटी का भी विकल्प देते हैं, जिससे आपकी गाड़ी लंबे समय तक सुरक्षित रह सकती है। आप यह जरूर पूछें कि एक्सटेंडेड वॉरंटी की शर्तें क्या हैं और उसमें कौन-कौन से पार्ट्स या सर्विस शामिल हैं।

इसके साथ ही, सर्विस इंटरवल यानी कितने किलोमीटर या कितने समय बाद आपकी कार को सर्विसिंग की जरूरत पड़ेगी, यह भी जानना जरूरी है। कुछ ब्रांड्स फ्री सर्विसिंग पैकेज देते हैं जिसमें शुरुआती कुछ सर्विस फ्री होती हैं, जबकि कुछ ब्रांड्स पेड़ मेंटेनेंस पैकेज ऑफर करते हैं जो लॉन्ग टर्म में आपकी जेब पर हल्का पड़ सकता है।

डीलर से पूछें:

  • क्या गाड़ी की स्टैंडर्ड वॉरंटी में इंजन, ट्रांसमिशन और इलेक्ट्रिकल पार्ट्स कवर होते हैं?
  • एक्सटेंडेड वॉरंटी लेने पर कुल खर्च कितना आएगा और उसकी वैधता कितने साल/किलोमीटर के लिए होगी?
  • फ्री सर्विसिंग पैकेज में क्या-क्या शामिल है?
  • पेड मेंटेनेंस पैकेज का क्या लाभ है और उसकी कीमत कितनी है?

इन सभी सवालों के जवाब आपके लिए भविष्य में रख-रखाव का बजट तय करने और बिना किसी परेशानी के वाहन चलाने में मदद करेंगे। भारतीय बाजार की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, हमेशा कोशिश करें कि आप अधिकतम कवरेज वाला वारंटी व सर्विस पैकेज चुनें ताकि आपके वाहन का खर्च कम रहे और मन को शांति मिले।

4. एक्सचेंज ऑफर और छूट की जानकारी लें

टेस्ट ड्राइव के बाद जब आप डीलर से बातचीत करें, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि आपकी पुरानी गाड़ी को एक्सचेंज करने पर आपको कौन-कौन से ऑफर मिल सकते हैं। अक्सर डीलर्स पुराने वाहन के बदले नए वाहन पर अच्छे डिस्काउंट्स या अतिरिक्त बेनिफिट्स देते हैं, जिनका फायदा उठाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। अगर आप किसी त्योहार या स्पेशल प्रमोशनल पीरियड में गाड़ी खरीद रहे हैं, तो फेस्टिव डिस्काउंट्स या कॉर्पोरेट डिस्काउंट्स के बारे में भी जरूर पूछें। इससे आपकी नई कार की कुल कीमत कम हो सकती है और बजट मैनेजमेंट आसान हो जाता है।

प्रमुख सवाल पूछने का कारण
क्या मेरी पुरानी गाड़ी पर एक्सचेंज बोनस मिलेगा? जानें कि आपको अपनी पुरानी गाड़ी के बदले कितना एक्स्ट्रा बेनिफिट मिल सकता है।
इस समय कौन-कौन से फेस्टिव या सीजनल डिस्काउंट चल रहे हैं? फेस्टिव सीजन में अक्सर विशेष छूट मिलती है, जिससे कीमत कम हो सकती है।
कॉर्पोरेट कस्टमर होने पर क्या कोई अतिरिक्त छूट मिलेगी? कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को स्पेशल डिस्काउंट देती हैं, इसका लाभ लें।

अगर आप इन सवालों के जवाब पहले ही जान लेंगे तो आप बेहतर तरीके से नेगोशिएट कर सकते हैं और अपने लिए सबसे अच्छा डील निकाल सकते हैं। हमेशा लिखित रूप में ऑफर्स की पुष्टि लेना न भूलें ताकि बाद में कोई कन्फ्यूजन न हो। इस तरह, आप समझदारी से निर्णय लेकर अपनी नई कार खरीदारी को स्मार्ट बना सकते हैं।

5. डिलीवरी टाइम और आवश्यक डॉक्युमेंट्स पर चर्चा करें

टेस्ट ड्राइव के बाद जब आप कार खरीदने का मन बना लेते हैं, तो अगला अहम सवाल होता है – डिलीवरी कब मिलेगी और कौन-कौन से डॉक्युमेंट्स की जरूरत पड़ेगी। डीलर से सबसे पहले नई कार की अनुमानित डिलीवरी डेट के बारे में स्पष्ट जानकारी लें। पूछें कि क्या आपके चुने हुए मॉडल और वेरिएंट के लिए कोई वेटिंग पीरियड है या तुरंत डिलीवरी संभव है।

साथ ही, डिलिवरी प्रोसेस की पूरी जानकारी लेना जरूरी है। जैसे – बुकिंग के बाद कितने दिनों में गाड़ी उपलब्ध होगी, क्या गाड़ी स्टॉक में है या मैन्युफैक्चर से ऑर्डर करनी पड़ेगी? अगर किसी विशेष कलर या फीचर के साथ गाड़ी चाहिए तो उसके लिए अतिरिक्त समय लगेगा या नहीं, यह भी जान लें।

जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट समझना भी बहुत महत्वपूर्ण है। आमतौर पर आईडी प्रूफ (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड), एड्रेस प्रूफ (जैसे बिजली बिल, पासपोर्ट), पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक स्टेटमेंट/इनकम प्रूफ (यदि फाइनेंसिंग करवा रहे हैं) मांगे जाते हैं। अगर कार लोन ले रहे हैं तो लोन से संबंधित अतिरिक्त डॉक्युमेंट्स भी लग सकते हैं।

हमेंशा सुनिश्चित करें कि आपके पास सभी आवश्यक कागजात तैयार हैं ताकि डिलिवरी में कोई देरी न हो और आपका अनुभव स्मूद रहे। जरूरत पड़ने पर डीलर से डॉक्युमेंटेशन चेकलिस्ट की मांग करें और हर जरूरी दस्तावेज की कॉपी अपने पास रखें। इस तरह आप बिना किसी परेशानी के अपनी नई कार घर ला सकते हैं।

6. टेस्ट ड्राइव की गाड़ी और फाइनल मॉडल में क्या फर्क है

टेस्ट ड्राइव के बाद डीलर से यह जानना बहुत जरूरी है कि जिस गाड़ी को आपने चलाया, वह डेमो गाड़ी थी या वही वेरिएंट जो आप खरीदने जा रहे हैं। भारत में अक्सर टेस्ट ड्राइव के लिए ऐसे मॉडल उपलब्ध होते हैं जिनमें कभी-कभी सभी फीचर्स या स्पेसिफिकेशन्स नहीं होते जो फाइनल डिलीवर होने वाली गाड़ी में मिलेंगे। इसलिए, डीलर से साफ-साफ पूछें:

डेमो कार और आपकी पसंदीदा वेरिएंट में अंतर

कई बार टेस्ट ड्राइव यूनिट बेस वेरिएंट होती है जबकि कस्टमर को टॉप या मिड वेरिएंट चाहिए होता है। ऐसे में फीचर्स जैसे इंफोटेनमेंट सिस्टम, सेफ्टी फीचर्स, क्लाइमेट कंट्रोल, सनरूफ आदि अलग हो सकते हैं। इसलिए आप यह जरूर कंफर्म करें कि आपके चुने गए मॉडल में कौन-कौन से एक्स्ट्रा फीचर शामिल होंगे।

स्पेसिफिकेशन का अंतर

इंजन पावर, ट्रांसमिशन (मैन्युअल/ऑटोमैटिक), टायर साइज या सस्पेंशन जैसे टेक्निकल डिटेल्स भी अलग हो सकते हैं। इनकी जानकारी लेना आवश्यक है ताकि आपको बाद में कोई सरप्राइज न मिले।

सवाल जो डीलर से पूछें

क्या टेस्ट ड्राइव मॉडल वही है जिसे मैं बुक कर रहा हूँ?
क्या इसमें वो सारे फीचर्स हैं जो मेरी पसंदीदा वेरिएंट में मिलेंगे?
अगर कोई स्पेसिफिकेशन या फीचर का अंतर है तो उसकी डिटेल लिस्ट दें।
क्या फाइनल मॉडल का एक्सटीरियर और इंटीरियर कलर टेस्ट ड्राइव मॉडल जैसा ही होगा?

इन सवालों के जवाब लेकर ही आगे की प्रक्रिया बढ़ाएं ताकि आपको पूरी तरह संतुष्टि मिले और भविष्य में किसी तरह की निराशा न हो।

7. ग्राहक सहायता और पोस्ट सेल्स सर्विस की जानकारी लें

टेस्ट ड्राइव के बाद केवल गाड़ी के प्रदर्शन पर ध्यान देना ही काफी नहीं है, बल्कि डीलरशिप की आफ्टर-सेल्स सर्विस और ग्राहक सहायता पर भी विचार करना चाहिए। डीलर से यह पूछना जरूरी है कि उनकी सर्विस नेटवर्क कितनी विस्तृत है और क्या आपके शहर या इलाके में अधिकृत सर्विस सेंटर उपलब्ध हैं या नहीं। इससे आपको भविष्य में किसी भी तरह की मरम्मत या सर्विसिंग करवाने में आसानी होगी।

इसके अलावा, आपातकालीन सहायता (Emergency Assistance) की सुविधा उपलब्ध है या नहीं, इसका भी पता लगाएं। कई डीलर्स 24×7 रोडसाइड असिस्टेंस या ऑन-कॉल हेल्प प्रदान करते हैं, जिससे अनजान रास्तों या यात्रा के दौरान अचानक आई समस्या का समाधान तुरंत मिल सकता है।

ग्राहक सपोर्ट सिस्टम कितना अच्छा है, इसका अनुभव लेने के लिए उनके हेल्पलाइन नंबर, वॉरंटी क्लेम प्रोसेस और सर्विस अपॉइंटमेंट बुकिंग की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से पूछें। साथ ही, पूछें कि वारंटी पीरियड के दौरान किन-किन चीज़ों को कवर किया जाता है और क्या कोई एक्सटेंडेड वारंटी विकल्प उपलब्ध हैं।

यदि संभव हो तो दूसरे ग्राहकों के फीडबैक या ऑनलाइन रिव्यूज भी देखें, ताकि आपको वास्तविक अनुभव का अंदाजा हो सके। याद रखें, अच्छी आफ्टर-सेल्स सर्विस आपकी गाड़ी के रख-रखाव और लंबे समय तक संतुष्टि के लिए बेहद जरूरी है। इसलिए डीलरशिप से जुड़े हर पहलू को परखना न भूलें।