सेडान कार की मेंटेनेंस और सर्विसिंग: भारतीय परिस्थितियों के अनुसार

सेडान कार की मेंटेनेंस और सर्विसिंग: भारतीय परिस्थितियों के अनुसार

विषय सूची

1. भारतीय सड़कों और मौसम के अनुसार सेडान कार का रखरखाव

भारत में सेडान कार की मेंटेनेंस और सर्विसिंग एक अलग तरह की चुनौती है, क्योंकि यहाँ की सड़कें, ट्रैफिक और मौसम विदेशी देशों से बहुत भिन्न हैं। भारतीय सड़कों पर अक्सर गड्ढे, धूल, पानी भराव, और असमान सतह मिलती है, जिससे कार के पार्ट्स जल्दी घिस सकते हैं। इसके अलावा, यहाँ का मौसम भी चरम होता है – गर्मी, मानसून और ठंडी सबका असर कार पर पड़ता है। इसलिए सेडान कार के मालिकों को खासतौर पर ध्यान देना चाहिए कि उनकी गाड़ी भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप अच्छे से मेंटेन रहे।

सेडान कारों के लिए भारतीय स्थिति में मेंटेनेंस क्यों ज़रूरी?

भारतीय सड़कें आमतौर पर यूरोप या अमेरिका जैसी नहीं होतीं। यहाँ भारी ट्रैफिक, बार-बार ब्रेकिंग, खराब सड़कें और अचानक आने वाले स्पीड ब्रेकर से कार की सस्पेंशन, टायर और ब्रेक सिस्टम पर ज्यादा दबाव पड़ता है। साथ ही, धूल और मिट्टी की वजह से एयर फिल्टर और इंजन जल्दी गंदा हो जाता है। अगर सही समय पर इनकी देखभाल न की जाए तो कार की परफॉर्मेंस कम हो जाती है और फ्यूल इकोनॉमी भी घटती है।

भारतीय परिस्थितियों में कार मेंटेनेंस के मुख्य कारण

कारक मेंटेनेंस की आवश्यकता
गड्ढेदार सड़कें सस्पेंशन और व्हील अलाइनमेंट चेक करवाना जरूरी
धूल-मिट्टी वाली सड़कें एयर फिल्टर व इंजन सफाई अधिक बार करानी चाहिए
भारी ट्रैफिक ब्रेक सिस्टम और क्लच जल्दी घिस सकता है, इसलिए नियमित जांच आवश्यक
मानसून/बारिश का मौसम ब्रेक्स, वाइपर ब्लेड्स और इलेक्ट्रिकल्स को चेक करें
गर्म तापमान कूलेंट लेवल और इंजन ऑयल नियमित चेक करें
क्या होगा अगर नियमित रखरखाव न किया जाए?

अगर आप अपनी सेडान कार का सही तरीके से रखरखाव नहीं करेंगे तो इसकी लाइफ कम हो सकती है और रिपेयरिंग खर्चा बढ़ जाएगा। समय-समय पर सर्विस कराने से न सिर्फ आपकी गाड़ी अच्छी चलेगी बल्कि उसकी रीसेल वैल्यू भी बनी रहेगी। इसीलिए भारतीय परिस्थिति को देखते हुए हर कार मालिक को अपने वाहन का ख्याल रखना चाहिए।

2. इंजन और कूलिंग सिस्टम की देखभाल – भारतीय परिवेश में चुनौतियाँ

भारतीय सड़कों और मौसम की स्थिति सेडान कार के इंजन और कूलिंग सिस्टम पर विशेष प्रभाव डालती है। धूल, गर्मी, उमस और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएँ अक्सर कार के इंजन को अतिरिक्त दबाव में डाल देती हैं। ऐसे में सेडान कार का इंजन सही तरीके से चले, इसके लिए नियमित देखभाल बेहद जरूरी है।

भारतीय परिस्थिति में आम चुनौतियाँ

चुनौती प्रभाव समाधान
धूल और मिट्टी एयर फिल्टर जल्दी चोक होना, इंजन की कार्यक्षमता कम होना हर 5,000-7,000 किलोमीटर पर एयर फिल्टर की सफाई या बदलवाना
तेज गर्मी इंजन ओवरहीटिंग, कूलेंट तेजी से खत्म होना रेगुलर कूलेंट लेवल चेक करना और सही ग्रेड का कूलेंट इस्तेमाल करना
उमस (ह्यूमिडिटी) इंजन पार्ट्स पर जंग लगना, इलेक्ट्रिकल फेल्योर का खतरा इंजन बायो-क्लीनिंग कराना और पार्ट्स पर एंटी-रस्ट कोटिंग लगवाना
अधिक ट्रैफिक/जाम इंजन लंबे समय तक चालू रहना, हीट अप होना इंजन ऑयल समय पर बदलवाना और रेडिएटर फैन की नियमित जांच करना

सेडान कार के इंजन और कूलिंग सिस्टम को स्वस्थ रखने के आसान उपाय

  • नियमित सर्विसिंग: हर 6 महीनों या 10,000 किलोमीटर पर कार की सर्विस जरूर कराएँ। इससे सभी जरूरी चेकअप हो जाते हैं।
  • एयर फिल्टर की सफाई: भारत में धूल भरी सड़कों के कारण एयर फिल्टर जल्दी गंदा हो जाता है। इसे नियमित रूप से साफ कराएँ या बदलवाएँ।
  • कूलेंट लेवल: हर महीने कूलेंट लेवल देखें और आवश्यकता अनुसार टॉप-अप करें। गर्मी में यह खासतौर पर जरूरी है।
  • रेडिएटर की सफाई: रेडिएटर में जमा गंदगी हटाने के लिए साल में एक बार फ्लशिंग कराएँ जिससे ओवरहीटिंग की समस्या कम होगी।
  • इंजन ऑयल बदलवाना: घने ट्रैफिक में चलने वाली कारों का इंजन ऑयल जल्दी खराब होता है, इसलिए मैन्युफैक्चरर द्वारा सुझाए गए अंतराल से पहले ही बदलवाएँ।
  • पार्किंग: अपनी सेडान को हमेशा छांव में पार्क करें ताकि इंजन अधिक गर्म न हो सके।
  • कैबिन एयर फिल्टर: उमस वाले इलाकों में कैबिन एयर फिल्टर भी नियमित रूप से बदलें ताकि हवा शुद्ध बनी रहे।

महत्वपूर्ण टिप्स (Quick Tips)

  • मॉनसून सीजन में कूलिंग सिस्टम और वायरिंग की जांच जरूर करवाएं।
  • अगर लंबा सफर तय करना है तो सर्विस सेंटर से पूरी जांच करवाकर ही निकलें।
  • ऑनलाइन ऐप्स से सर्विस शेड्यूल ट्रैक करें और अलर्ट सेट करें।
स्थानीय मेकेनिक या अधिकृत सर्विस सेंटर?

अगर आप छोटे शहर या कस्बे में रहते हैं तो स्थानीय भरोसेमंद मैकेनिक से समय-समय पर बेसिक चेकअप जरूर करवाते रहें। लेकिन बड़े काम जैसे कि कूलिंग सिस्टम रिपेयर या बड़ी सर्विस के लिए अधिकृत सर्विस सेंटर ही जाएं ताकि आपकी सेडान वारंटी में रहे और ओरिजिनल पार्ट्स ही लगें।

सस्पेंशन और टायर का रखरखाव

3. सस्पेंशन और टायर का रखरखाव

भारतीय सड़कों की चुनौतियाँ

भारत में सेडान कार चलाना अक्सर एक चुनौतीपूर्ण अनुभव होता है, खासकर जब आपको पॉटहोल्स (गड्ढे), अनईवन रोड्स (असमतल सड़कें) और मानसून के दौरान भारी बारिश में ड्राइविंग करनी पड़ती है। इन परिस्थितियों में कार के सस्पेंशन और टायर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। सही रखरखाव न करने पर आपकी कार की परफॉर्मेंस और सेफ़्टी दोनों प्रभावित हो सकती हैं।

सस्पेंशन सिस्टम की देखभाल कैसे करें?

  • हर 10,000 किलोमीटर के बाद सस्पेंशन की जांच कराएं।
  • अगर गाड़ी चलाते समय झटके ज्यादा महसूस हों या अजीब आवाज़ आए, तो तुरंत मैकेनिक को दिखाएँ।
  • गड्ढों में गाड़ी धीरे चलाएँ ताकि सस्पेंशन पर कम दबाव पड़े।
  • सस्पेंशन बूट्स और रबर पार्ट्स फटे हुए हों तो बदलवाएँ।

टायर का रखरखाव: भारतीय परिस्थितियों के लिए टिप्स

  • हर महीने टायर प्रेशर चेक करें, क्योंकि असमान सड़कें टायर प्रेशर जल्दी घटा देती हैं।
  • पॉटहोल्स और खुरदुरी सड़कों पर तेज ब्रेक लगाने से बचें, इससे टायर जल्दी घिस सकते हैं।
  • हर 8,000-10,000 किलोमीटर के बाद टायर रोटेशन करवाएँ, ताकि सभी टायर समान रूप से घिसें।
  • बारिश के मौसम में टायर की ग्रिप चेक करना जरूरी है, पुराना या घिसा हुआ टायर फिसल सकता है।

टायर और सस्पेंशन मेन्टेनेंस शेड्यूल (तालिका)

मेन्टेनेंस कार्य कितने किलोमीटर के बाद?
सस्पेंशन जांच 10,000 किमी
टायर प्रेशर जांच हर महीने/लंबी यात्रा से पहले
टायर रोटेशन 8,000-10,000 किमी
व्हील अलाइनमेंट & बैलेंसिंग 10,000 किमी या जरूरत पड़ने पर
स्थानीय सुझाव:

यदि आप ग्रामीण क्षेत्रों या ऐसी जगह रहते हैं जहां सड़कें अधिक खराब हैं, तो अपने मैकेनिक से नियमित रूप से अंडरबॉडी इंस्पेक्शन करवाते रहें। स्थानीय भाषा में बात करके उन्हें अपनी समस्याएं बताएं; वे आपके इलाक़े की परिस्थितियों को बेहतर समझते हैं और उसी अनुसार सलाह दे सकते हैं। ऐसा करने से आपकी सेडान कार लंबे समय तक अच्छी स्थिति में रहेगी और सफर भी आरामदायक रहेगा।

4. इंटीरियर और एक्सटीरियर सफाई: भारतीय धूल-गंदगी से सुरक्षित कैसे रखें

भारतीय परिस्थितियों में कार की सफाई का महत्व

भारत में मौसम अक्सर बदलता रहता है, कहीं गर्मी, कहीं बारिश और कई जगहों पर धूल-गंदगी आम है। ऐसे में सेडान कार के इंटीरियर और एक्सटीरियर की सही देखभाल जरूरी है, ताकि आपकी कार हमेशा नई जैसी बनी रहे और उसकी लाइफ भी लंबी हो जाए।

समय-समय पर सफाई और पॉलिशिंग के फायदे

  • धूल से बचाव: रेगुलर सफाई से कार की बॉडी और इंटीरियर पर जमी धूल हटती रहती है। इससे पेंट खराब नहीं होता और स्क्रैच भी कम लगते हैं।
  • बैक्टीरिया और एलर्जी से सुरक्षा: अंदरूनी सफाई से सीट्स, डैशबोर्ड और एयर वेंट्स में छिपे बैक्टीरिया व एलर्जी पैदा करने वाले तत्व हटते हैं।
  • अच्छा लुक: पॉलिशिंग से बाहरी चमक बनी रहती है और कार हमेशा शाइन करती दिखती है।

भारतीय जलवायु में सफाई के लिए आसान टिप्स

समस्या सुझाव फायदा
धूल जमा होना (खासकर उत्तरी भारत में) हर 2-3 दिन में सूखे माइक्रोफाइबर कपड़े से पोछें पेंट की चमक बनी रहती है, स्क्रैच नहीं पड़ते
बारिश के बाद कीचड़ जमना कार वॉश करवाएं, टायर और व्हील्स पर खास ध्यान दें जंग नहीं लगता, बॉडी डैमेज से बचाव होता है
इंटीरियर में बदबू या फंगस बनना (मानसून में) एसी चलाते समय विंडो थोड़ी खोलें, एयर फ्रेशनर का इस्तेमाल करें, मैट्स को धूप में सुखाएं स्वस्थ वातावरण मिलता है, फंगस नहीं बनता
कार की रंगत फीकी पड़ना (तेज धूप/यूवी रेज़) रेगुलर वैक्सिंग-पॉलिशिंग करवाएं, कवर का इस्तेमाल करें पेंट प्रोटेक्शन, लंबे समय तक अच्छी दिखती है कार

लोकप्रिय भारतीय उपाय और प्रोडक्ट्स का चयन

  • नेचुरल क्लीनर: नींबू या सिरका पानी मिलाकर शीशे साफ कर सकते हैं। ये सस्ते भी हैं और असरदार भी।
  • लोकल मार्केट के कवर: हर शहर में आसानी से मिलने वाले कार कवर धूल-गंदगी से बचाते हैं।
  • माइक्रोफाइबर क्लॉथ: हल्के हाथों से पोछने के लिए सबसे बढ़िया विकल्प।
  • इंटीरियर क्लीनिंग स्प्रे: भारतीय बाजारों में बजट रेंज के कई स्प्रे उपलब्ध हैं जिनसे सीट्स व डैशबोर्ड साफ रख सकते हैं।

ध्यान देने वाली बातें

  • कभी भी ज्यादा हार्ड कैमिकल्स का इस्तेमाल न करें, इससे पेंट या प्लास्टिक पार्ट्स खराब हो सकते हैं।
  • हर सीजन चेंज पर डीप क्लीनिंग जरूर कराएं।
  • अगर खुद सफाई करते हैं तो हल्के हाथों से काम लें ताकि कोई नुकसान न हो।
नियमित सफाई से आपकी सेडान कार भारतीय धूल-गंदगी और मौसम की मार से सुरक्षित रह सकती है। इससे न सिर्फ कार सुंदर दिखती है बल्कि उसकी वैल्यू भी बनी रहती है।

5. रेग्युलर सर्विसिंग और असली स्पेयर पार्ट्स का महत्व

सेडान कार की मेंटेनेंस: क्यों ज़रूरी है नियमित सर्विसिंग?

भारतीय मौसम, धूल-धक्कड़, ट्रैफिक जाम और सड़क की हालतें सेडान कार की परफॉर्मेंस पर सीधा असर डालती हैं। ऐसे में, रेग्युलर सर्विसिंग करवाना न सिर्फ आपकी कार को लंबे समय तक अच्छी स्थिति में रखता है, बल्कि अचानक होने वाली खराबी और खर्च से भी बचाता है।

रेग्युलर सर्विसिंग के मुख्य फायदे

फायदा विवरण
इंजन लाइफ बढ़ती है समय-समय पर ऑयल चेंज और इंजन चेकअप से इंजन की उम्र बढ़ती है
फ्यूल एफिशिएंसी बेहतर होती है साफ एयर फिल्टर और सटीक ट्यूनिंग से पेट्रोल या डीज़ल की खपत कम होती है
ब्रेकडाउन का रिस्क कम होता है छोटी-मोटी समस्याएं समय रहते पकड़ में आ जाती हैं
रिसेल वैल्यू बढ़ती है नियमित सर्विस हिस्ट्री से कार की मार्केट वैल्यू अच्छी रहती है

असली (जेन्युइन) स्पेयर पार्ट्स का इस्तेमाल क्यों जरूरी?

भारतीय बाजार में नकली पुर्ज़ों (फेक स्पेयर पार्ट्स) की भरमार है, जो कीमत में सस्ते होते हैं लेकिन आपकी कार के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। असली पार्ट्स लगाने से गाड़ी की सुरक्षा, माइलेज और लाइफ बरकरार रहती है। नकली पुर्ज़ों से दुर्घटना या बड़े नुकसान का खतरा रहता है।

असली बनाम नकली स्पेयर पार्ट्स: तुलना तालिका

मापदंड असली स्पेयर पार्ट्स नकली स्पेयर पार्ट्स
सेफ़्टी (सुरक्षा) उच्चतम स्तर की सुरक्षा प्रदान करते हैं सुरक्षा के लिहाज से अनिश्चित, अक्सर खतरनाक
माइलेज/परफॉर्मेंस कार की असली क्षमता बरकरार रखते हैं कार का परफॉर्मेंस डाउन कर सकते हैं
गारंटी/वारंटी क्लेम मैन्युफैक्चरर वारंटी बनी रहती है वारंटी तुरंत खत्म हो जाती है
लाइफस्पैन लंबा चलता है जल्दी खराब हो जाता है
कीमत थोड़ा महंगा, लेकिन वर्थ इट सस्ता, पर लॉन्ग टर्म में महंगा पड़ सकता है

प्रमाणित सर्विस सेंटर का चुनाव कैसे करें?

  • ऑथोराइज्ड डीलरशिप या सर्विस सेंटर चुनें: जहां सिर्फ असली पुर्ज़ों का इस्तेमाल होता हो।
  • BIS मार्क या मैन्युफैक्चरर लेबल देखें: पार्ट्स खरीदते समय लेबल जरूर जांचें।
  • सर्विस रिकॉर्ड रखें: हर बार सर्विस बुक में एंट्री कराएं।
  • User रिव्यू पढ़ें: लोकल लोगों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर सेंटर की विश्वसनीयता जांचें।

भारतीय बाजार में नकली पुर्ज़ों से बचाव के उपाय:

  • Packing और Branding: हमेशा ओरिजिनल पैकेजिंग वाले पार्ट्स खरीदें।
  • M.R.P. और Bill: बिल जरूर लें और MRP चेक करें।
  • Kabadi Market से दूरी बनाएं: बहुत सस्ती जगहों से स्पेयर पार्ट्स ना खरीदें।

इस तरह भारतीय परिस्थितियों में अपनी सेडान कार के लिए रेग्युलर सर्विसिंग और असली स्पेयर पार्ट्स का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है, जिससे आपकी कार सुरक्षित और लंबी चल सके।

6. ईंधन और इंजन ऑयल चयन—भारतीय ब्रांड्स और ग्रेड्स

भारतीय बाजार में उपलब्ध उपयुक्त ईंधन का चयन कैसे करें?

भारत में सेडान कार के लिए पेट्रोल और डीज़ल दोनों तरह के ईंधन उपलब्ध हैं। अपने वाहन के मैन्युफैक्चरर द्वारा सुझाए गए ईंधन प्रकार का ही उपयोग करें। भारतीय परिस्थितियों में अक्सर निम्न गुणवत्ता वाला ईंधन मिल सकता है, इसलिए हमेशा भरोसेमंद पेट्रोल पंप जैसे कि इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम या हिंदुस्तान पेट्रोलियम से ही ईंधन भरवाएँ।

ईंधन चयन की टिप्स:

  • हमेशा मान्यता प्राप्त ब्रांड का ही ईंधन इस्तेमाल करें।
  • अगर आपकी कार टर्बोचार्ज्ड या हाई परफॉर्मेंस इंजन वाली है तो प्रीमियम फ्यूल (जैसे XP100, Speed, Power) का चुनाव करें।
  • ईंधन टैंक को पूरी तरह खाली न होने दें ताकि गंदगी इंजन तक न पहुँचे।

इंजन ऑयल: भारतीय ब्रांड्स और सही ग्रेड का चयन

इंजन ऑयल आपके सेडान की लाइफलाइन है। सही ग्रेड और क्वालिटी का ऑयल चुनना बेहद जरूरी है, खासकर भारतीय मौसम और ट्रैफिक कंडीशंस के लिए। भारत में कुछ प्रमुख इंजन ऑयल ब्रांड्स हैं: Castrol, Servo (Indian Oil), Shell, Mobil, Motul, Gulf Oil आदि।

इंजन ऑयल ग्रेड कैसे चुनें?

ग्रेडिंग जैसे 5W-30, 10W-40 आदि तापमान और इंजन की जरूरतों के अनुसार तय होती है। अपनी कार के मैन्युफैक्चरर द्वारा बताये गये ग्रेड को ही अपनाएँ। अगर आप बहुत गर्म जगह रहते हैं तो मोटा (viscous) ऑयल बेहतर रहता है। ठंडे क्षेत्रों के लिए पतला (thin) ऑयल उपयुक्त होता है।

प्रमुख भारतीय इंजन ऑयल ब्रांड्स व उनके लोकप्रिय ग्रेड्स:
ब्रांड पॉपुलर ग्रेड उपयोगिता
Castrol 5W-30, 10W-40 सिटी व हाईवे ड्राइविंग दोनों के लिए अच्छा
Servo (Indian Oil) 15W-40, 20W-50 पुरानी या हाई माइलेज कारों के लिए उपयुक्त
Shell Helix 5W-30, 10W-30 नई व मध्यम उम्र की कारों के लिए बढ़िया विकल्प
Mobil Super/1 5W-40, 0W-20 हाई परफॉर्मेंस इंजन के लिए उत्तम
Motul/Gulf Oil 10W-40, 15W-50 स्पोर्टी या टर्बो इंजन के लिए उपयुक्त

इंजन ऑयल बदलने की अनुशंसित समय सीमा:

  • Mineral oil: हर 5,000 से 7,000 किलोमीटर पर बदलें या 6 महीने में एक बार।
  • Semi-synthetic oil: हर 7,500 से 10,000 किलोमीटर पर बदलें या 8-10 महीने में एक बार।
  • Synthetic oil: हर 10,000 से 15,000 किलोमीटर पर बदलें या साल में एक बार।
  • ध्यान रखें: यदि आप ट्रैफिक जाम वाले इलाके में गाड़ी चलाते हैं या धूलभरे वातावरण में रहते हैं तो जल्दी ऑयल चेंज करना बेहतर रहेगा।

संक्षिप्त सुझाव:

  • हमेशा अपनी कार की सर्विस बुक देखकर ही ऑयल व ईंधन चुनें।
  • लोकल मैकेनिक या अधिकृत सर्विस सेंटर से सलाह लें।

7. मॉनसून और गर्मी में विशेष मेंटेनेंस टिप्स

मॉनसून (वर्षा ऋतु) के लिए सेडान कार केयर

भारत में मॉनसून का मौसम अक्सर तेज़ बारिश, कीचड़ और उमस लेकर आता है। इस दौरान आपकी सेडान कार को कुछ खास देखभाल की जरूरत होती है ताकि सफर सुगम और सुरक्षित रहे। नीचे दिए गए टिप्स को अपनाकर आप अपनी कार की लाइफ बढ़ा सकते हैं।

मॉनसून सीजन में जरूरी मेंटेनेंस चेकलिस्ट

मेंटेनेंस पॉइंट क्या करें?
वाइपर ब्लेड्स जांचें कि वाइपर ठीक से पानी साफ कर रहे हैं या नहीं, पुराने वाइपर बदल दें।
टायर ग्रिप टायरों की ग्रिप और प्रेशर जांचें, घिसे हुए टायर तुरंत बदलें।
ब्रेक सिस्टम ब्रेक ऑयल लेवल और ब्रेक पैड्स की हालत जरूर देखें।
हेडलाइट्स व टेललाइट्स रोशनी सही है या नहीं, इसे चेक करें ताकि कम विजिबिलिटी में परेशानी न हो।
अंडरबॉडी प्रोटेक्शन कीचड़ और पानी से बचाने के लिए अंडरबॉडी कोटिंग करवाएं।

गर्मियों के मौसम के लिए एक्स्ट्रा ध्यान

भारतीय गर्मियां बहुत तेज़ होती हैं, जिससे कार के कई पार्ट्स पर असर पड़ता है। गर्मी में ओवरहीटिंग और एसी फेलियर जैसी समस्याएँ आम हैं। इन बातों का ध्यान रखें:

गर्मी के लिए महत्वपूर्ण टिप्स

  • कूलेंट लेवल: इंजन कूलेंट का स्तर नियमित रूप से जांचें, जरूरत हो तो रिफिल करें।
  • एसी सर्विसिंग: हर सीजन की शुरुआत में एसी की सर्विस जरूर करवाएं ताकि ठंडी हवा बनी रहे।
  • इंसुलेशन: विंडशील्ड पर सनशेड का इस्तेमाल करें जिससे डैशबोर्ड और सीटें ज्यादा गरम न हों।
  • बैटरी चेक: गर्मी में बैटरी जल्दी डिस्चार्ज हो सकती है, कनेक्शन टाइट रखें और वाटर लेवल देखें।
मॉनसून और गर्मी दोनों में ध्यान रखने योग्य बातें
  • कार को हमेशा छांव या कवर में पार्क करें।
  • रेगुलर सर्विस शेड्यूल मिस न करें।
  • इमरजेंसी किट जैसे टो रोप, टॉर्च, अतिरिक्त फ्यूज आदि कार में रखें।

इन आसान स्टेप्स को फॉलो करके आप अपनी सेडान कार को भारतीय मौसम की चुनौतियों के बीच भी बेहतरीन हालत में रख सकते हैं।