1. परिचय और ट्रांसफर का महत्व
भारत जैसे विशाल देश में, लोग अक्सर विभिन्न कारणों से एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित होते हैं। चाहे वह नौकरी में तबादला हो, उच्च शिक्षा, व्यवसाय विस्तार, या पारिवारिक कारण – ऐसे में अपनी गाड़ी को भी अपने साथ नए राज्य में ले जाना जरूरी हो जाता है। ऐसी स्थिति में गाड़ी का सही तरीके से ट्रांसफर करना आवश्यक है ताकि नए राज्य के ट्रैफिक नियमों का पालन किया जा सके और कानूनी दिक्कतों से बचा जा सके।
गृह राज्य से दूसरे राज्य में गाड़ी ट्रांसफर करने के कई महत्वपूर्ण कारण होते हैं, जिनका उल्लेख नीचे की तालिका में किया गया है:
कारण | विवरण |
---|---|
नौकरी/ट्रांसफर | सरकारी या निजी क्षेत्र में स्थानांतरण के कारण गाड़ी को नए राज्य में ले जाना पड़ता है। |
शिक्षा | छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए अन्य राज्यों में जाने पर अपनी गाड़ी साथ ले जानी होती है। |
व्यवसाय | व्यवसाय विस्तार या नई शाखा खोलने के लिए गाड़ी का उपयोग आवश्यक हो सकता है। |
पारिवारिक कारण | परिवार के अन्य सदस्यों के पास जाने या शादी आदि के लिए स्थानांतरण। |
स्थायी निवास परिवर्तन | स्थायी रूप से किसी अन्य राज्य में बसने पर गाड़ी का ट्रांसफर जरूरी होता है। |
भारतीय संदर्भ में देखा जाए तो प्रत्येक राज्य की परिवहन नीतियां अलग-अलग होती हैं, इसलिए गाड़ी का ट्रांसफर प्रक्रिया समझना और पूरा करना बहुत जरूरी हो जाता है। इससे आप न केवल कानूनी झंझटों से बचते हैं बल्कि भविष्य में होने वाली किसी भी परेशानी से भी सुरक्षित रहते हैं। भारत सरकार एवं राज्यों द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार ही गाड़ी का पंजीकरण (Registration) तथा अन्य दस्तावेज अपडेट कराना अनिवार्य होता है। इस लेख की आगामी भागों में हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार आप अपनी गाड़ी को गृह राज्य से दूसरे राज्य में आसानी से ट्रांसफर कर सकते हैं।
2. ज़रूरी दस्तावेज़ों की सूची
जब आप अपनी गाड़ी को एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने का सोचते हैं, तो सबसे जरूरी चीज़ होती है सही दस्तावेज़ों का तैयार होना। भारतीय परिवहन नियमों के अनुसार, आपको कुछ जरूरी कागजात इकट्ठा करने होते हैं ताकि गाड़ी का ट्रांसफर प्रोसेस बिना किसी परेशानी के पूरा हो सके। नीचे दिए गए टेबल में इन दस्तावेज़ों की जानकारी और उन्हें जुटाने का तरीका दिया गया है:
दस्तावेज़ का नाम | क्या है ये? | कहां से मिलेगा? |
---|---|---|
RC (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) | गाड़ी के रजिस्ट्रेशन का प्रूफ | आपके पास पहले से मौजूद या आरटीओ ऑफिस से डुप्लीकेट मिल सकता है |
NOC (No Objection Certificate) | मूल राज्य के आरटीओ द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र | मूल राज्य के आरटीओ ऑफिस में आवेदन करके प्राप्त करें |
इंश्योरेंस पेपर | गाड़ी का वैध बीमा प्रमाणपत्र | बीमा कंपनी या ऑनलाइन पोर्टल से डाउनलोड कर सकते हैं |
एड्रेस प्रूफ (पता प्रमाण) | नए राज्य में आपके निवास का सबूत, जैसे बिजली बिल, किराए का एग्रीमेंट, आधार कार्ड आदि | आवासीय दस्तावेज़ या सरकारी आईडी |
P.U.C सर्टिफिकेट (Pollution Under Control) | गाड़ी के प्रदूषण नियंत्रण का प्रमाणपत्र | मान्यता प्राप्त PUC सेंटर से बनवाएं |
फिटनेस सर्टिफिकेट (यदि व्यावसायिक वाहन हो) | गाड़ी की फिटनेस की पुष्टि करता है | आरटीओ द्वारा जारी किया जाता है |
फॉर्म 28, 29, 30 (RTO फॉर्म्स) | गाड़ी ट्रांसफर के लिए जरूरी फॉर्म्स | आरटीओ ऑफिस या उनकी वेबसाइट से डाउनलोड करें |
दस्तावेज़ जुटाने का तरीका
- RC और इंश्योरेंस: यदि खो गया है तो डुप्लीकेट के लिए संबंधित विभाग में आवेदन करें। इंश्योरेंस ऑनलाइन भी मिलता है।
- NOC: पुराने आरटीओ में जाकर आवेदन करना होगा। इसके लिए RC, इंश्योरेंस और पहचान पत्र लगते हैं।
- एड्रेस प्रूफ: नए पते पर जो भी सरकारी डॉक्युमेंट उपलब्ध हो, उसकी कॉपी लगाएं।
- P.U.C: किसी भी नजदीकी अधिकृत सेंटर से तुरंत बनवाया जा सकता है।
- फॉर्म्स: आरटीओ कार्यालय या उनकी वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड करें और सही तरीके से भरें।
महत्वपूर्ण सुझाव:
- सभी डॉक्युमेंट्स की फोटोकॉपी करा लें और ऑरिजिनल अपने पास रखें।
- हर डॉक्युमेंट पर सेल्फ-अटेस्टेशन यानी स्वयं हस्ताक्षर करना न भूलें।
- NOC लेते समय ध्यान रखें कि कोई लंबित चालान या टैक्स बकाया न हो।
- If कोई डॉक्युमेंट मिसिंग है तो पहले उसे बनवा लें, बाद में ही प्रक्रिया आगे बढ़ाएं।
स्थानीय भाषा और सहायता:
हर राज्य के आरटीओ की कार्यप्रणाली थोड़ी अलग हो सकती है, इसलिए स्थानीय भाषा में जानकारी लेना और हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करना बेहतर रहेगा। इस तरह आप आसानी से सभी जरूरी दस्तावेज़ जुटा सकते हैं और अपनी गाड़ी को नए राज्य में ट्रांसफर कराने की प्रक्रिया सुचारु रूप से पूरी कर सकते हैं।
3. नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) प्राप्त करने की प्रक्रिया
अपने गृह राज्य के आरटीओ से एनओसी प्राप्त करने के लिए कदम दर कदम प्रक्रिया
जब आप अपनी गाड़ी को एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर करना चाहते हैं, तो सबसे पहला और जरूरी स्टेप है अपने गृह राज्य के आरटीओ (Regional Transport Office) से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) प्राप्त करना। बिना NOC के गाड़ी का ट्रांसफर संभव नहीं होता। यहां हम आपको आसान भाषा में NOC लेने की पूरी प्रक्रिया समझा रहे हैं:
NOC प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़
दस्तावेज़ का नाम | विवरण |
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फॉर्म 28 | एनओसी के लिए आवेदन पत्र (3 प्रतियां) |
आरसी बुक/स्मार्ट कार्ड | गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट |
बीमा प्रमाणपत्र | मान्य इंश्योरेंस पॉलिसी |
पीयूसी सर्टिफिकेट | पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट |
पता प्रमाण पत्र | आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि |
पैन कार्ड की कॉपी | मालिक का पैन कार्ड |
एफआईआर/एनसी रिपोर्ट (यदि ऋण मुक्त है) | अगर वाहन पर लोन नहीं है तो क्लियरेंस रिपोर्ट जरूरी है |
No Dues Certificate/ बैंक एनओसी (यदि वाहन फाइनेंस पर है) | लोन चुकाने के बाद बैंक से लिया गया एनओसी |
पासपोर्ट साइज फोटो | 2-3 फोटो वाहन मालिक की |
NOC प्राप्त करने की चरणबद्ध प्रक्रिया
- फॉर्म 28 भरना: सबसे पहले फॉर्म 28 को सही से भरें और उसकी तीन प्रतियां तैयार करें। यह फॉर्म आपके राज्य के आरटीओ ऑफिस या उनकी वेबसाइट से मिल सकता है।
- दस्तावेज़ जमा करना: सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ फॉर्म 28 को अपने गृह राज्य के आरटीओ ऑफिस में जमा करें। अगर वाहन फाइनेंस पर है तो बैंक का एनओसी भी साथ में लगाएं।
- शुल्क जमा करना: आरटीओ द्वारा निर्धारित शुल्क काउंटर पर जमा करें। शुल्क हर राज्य में अलग-अलग हो सकता है, नीचे तालिका में सामान्य फीस दी गई है:
राज्य का नाम | एनओसी शुल्क (लगभग) |
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उत्तर प्रदेश | ₹100-₹200 |
महाराष्ट्र | ₹100-₹300 |
दिल्ली | ₹100-₹150 |
- NOC प्रोसेसिंग: दस्तावेज़ और शुल्क जमा करने के बाद, आरटीओ वेरिफिकेशन करता है। कभी-कभी पुलिस वेरिफिकेशन भी किया जाता है ताकि वाहन चोरी या किसी केस में शामिल न हो।
- NOC जारी होना: सब कुछ सही होने पर आरटीओ आपके नाम पर NOC जारी कर देता है, जो आमतौर पर 1-2 हफ्ते में मिल जाता है।
याद रखने योग्य बातें:
- NOC की वैधता आमतौर पर 6 महीने तक होती है, इसलिए तय समय में नए राज्य में ट्रांसफर प्रोसेस शुरू कर दें।
- NOC मिलने के बाद ही दूसरे राज्य के आरटीओ में आगे की प्रक्रिया शुरू करें।
- सभी दस्तावेजों की कॉपी अपने पास जरूर रखें।
इस तरह आप आसानी से अपने गृह राज्य के आरटीओ से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं अपने वाहन ट्रांसफर की प्रक्रिया में।
4. नए राज्य में गाड़ी का रजिस्ट्रेशन
जब आप अपनी गाड़ी को एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर करते हैं, तो नए राज्य में उसका रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है। इसके लिए आपको नए राज्य के आरटीओ (RTO) ऑफिस में अप्लाई करना पड़ता है। आइए जानते हैं कि दूसरे राज्य के आरटीओ में गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कराने की पूरी प्रक्रिया क्या है और इसमें किन-किन डॉक्युमेंट्स और फॉर्म्स की जरूरत होती है।
दूसरे राज्य के आरटीओ में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
- NOC (No Objection Certificate) दिखाएं: पुराने राज्य के आरटीओ से मिली NOC साथ लेकर जाएं।
- आवेदन फॉर्म भरें: नए राज्य के आरटीओ ऑफिस से Form 20, Form 27, और Form 33 लें और सही-सही जानकारी भरें।
- सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स जमा करें:
- NOC (पुराने राज्य का)
- गाड़ी की RC (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट)
- बीमा पॉलिसी
- P.U.C. सर्टिफिकेट (Pollution Under Control)
- पते का प्रमाण (Address Proof) जैसे आधार कार्ड/पासपोर्ट/बिजली बिल आदि
- ID प्रूफ
- पैन कार्ड की कॉपी
- रजिस्ट्रेशन फीस जमा करें: हर राज्य में फीस अलग-अलग हो सकती है। नीचे टेबल में सामान्य फीस देखें।
- गाड़ी की इंस्पेक्शन: गाड़ी को आरटीओ ऑफिस ले जाकर निरीक्षण करवाएं।
- नया नंबर प्लेट जारी होना: सभी प्रक्रिया पूरी होने पर आपको नए राज्य का नंबर प्लेट मिल जाएगा।
जरूरी फॉर्म्स और शुल्क (Fees)
फॉर्म नंबर/नाम | उद्देश्य |
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Form 20 | नया रजिस्ट्रेशन आवेदन फॉर्म |
Form 27 | अन्य राज्य में ट्रांसफर के लिए आवेदन |
Form 33 | पते में बदलाव के लिए फॉर्म |
NOC Form 28 | No Objection Certificate के लिए फॉर्म |
शुल्क विवरण (Fees) | रकम (लगभग) |
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रजिस्ट्रेशन फीस – मोटरसाइकिल | ₹300 – ₹500 |
रजिस्ट्रेशन फीस – कार/LMV | ₹600 – ₹1500* |
No Objection Certificate शुल्क | ₹100 – ₹200* |
इंस्पेक्शन शुल्क | ₹100 – ₹300* |
Total अनुमानित शुल्क | ₹1200 – ₹2500* (वाहन एवं राज्य अनुसार) |
*नोट:
*शुल्क हर राज्य में अलग-अलग हो सकते हैं, कृपया संबंधित आरटीओ ऑफिस से पुख्ता जानकारी प्राप्त करें।
इस तरह, आप आसानी से अपने वाहन का नया रजिस्ट्रेशन दूसरे राज्य में करा सकते हैं। दस्तावेजों को पहले से तैयार रखें और समय बचाएं। यदि कोई समस्या आए तो नजदीकी आरटीओ कार्यालय या एजेंट की मदद लें।
5. रोड टैक्स और फाइनेंस से संबंधित बातों का ध्यान
नए राज्य में रोड टैक्स चुकाना
जब आप अपनी गाड़ी को एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर करते हैं, तो सबसे पहले आपको नए राज्य में रोड टैक्स जमा करना जरूरी होता है। हर राज्य का रोड टैक्स अलग-अलग होता है और यह गाड़ी की कीमत, मॉडल, और इंजन क्षमता पर निर्भर करता है। कुछ राज्यों में लाइफ टाइम टैक्स देना पड़ता है, जबकि कुछ जगह सालाना टैक्स भी लिया जाता है।
राज्य का नाम | रोड टैक्स भुगतान का तरीका | जरूरी डॉक्यूमेंट्स |
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महाराष्ट्र | आरटीओ ऑफिस या ऑनलाइन पोर्टल | गाड़ी के कागजात, आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ |
उत्तर प्रदेश | आरटीओ काउंटर पर जाकर | एनओसी, इंश्योरेंस पेपर, पते का प्रमाण |
कर्नाटक | ऑनलाइन या आरटीओ में ऑफलाइन जमा | पिछले राज्य का एनओसी, पैन कार्ड, आधार कार्ड |
पुराने टैक्स के रिफंड का आवेदन कैसे करें?
अगर आपने पुराने राज्य में लाइफ टाइम टैक्स दिया था, तो आप वहां से रोड टैक्स का रिफंड ले सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ अपने पुराने राज्य के आरटीओ में आवेदन करना होगा। रिफंड प्रोसेस थोड़ा समय ले सकता है। मुख्यत: नीचे दिए गए डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है:
- एनओसी (No Objection Certificate)
- नया रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC)
- पुराना रोड टैक्स पेमेंट स्लिप/रसीद
- आईडी और एड्रेस प्रूफ
- बैंक डिटेल्स (रिफंड के लिए)
रिफंड प्रक्रिया की स्टेप-बाय-स्टेप जानकारी:
- आरटीओ ऑफिस जाकर रिफंड एप्लिकेशन फॉर्म लें या ऑनलाइन डाउनलोड करें।
- सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स अटैच करके सबमिट करें।
- आरटीओ द्वारा डॉक्यूमेंट वेरिफाई होने के बाद बैंक खाते में रिफंड मिल जाएगा।
फाइनेंस/लोन से जुड़े जरूरी स्टेप्स
अगर आपकी गाड़ी पर बैंक या फाइनेंस कंपनी का लोन चल रहा है, तो ट्रांसफर प्रक्रिया थोड़ी अलग होगी। आपको सबसे पहले बैंक/फाइनेंसर से एनओसी लेना जरूरी है। बिना एनओसी के न तो ट्रांसफर हो पाएगा और न ही नया रजिस्ट्रेशन मिल सकेगा।
लोन वाली गाड़ी ट्रांसफर करने की प्रक्रिया:
- बैंक या फाइनेंस कंपनी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) प्राप्त करें।
- NOC मिलने के बाद ही पुराने राज्य के आरटीओ से NOC लें।
- सारे डॉक्यूमेंट्स नए राज्य के आरटीओ में जमा करें और नया रोड टैक्स चुकाएं।
- नया रजिस्ट्रेशन नंबर आने के बाद बैंक को इसकी जानकारी दें ताकि उनका रिकॉर्ड अपडेट हो सके।
इन सभी स्टेप्स को ध्यानपूर्वक पूरा करने पर ही आपकी गाड़ी सफलतापूर्वक एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर हो सकेगी और किसी भी तरह की कानूनी परेशानी नहीं होगी।
6. संभावित परेशानियां और टिप्स
गाड़ी ट्रांसफर के दौरान आमतौर पर आने वाली दिक्कतें
जब आप अपनी गाड़ी को गृह राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर करते हैं, तो कई बार कुछ सामान्य समस्याएं सामने आती हैं। इनसे बचने के लिए आपको पहले से तैयारी करनी चाहिए।
प्रमुख परेशानियां:
समस्या | संभावित कारण | स्थानीय सलाह |
---|---|---|
दस्तावेज़ों में कमी | आवश्यक कागज पूरे न होना | सभी डॉक्युमेंट्स की एक चेकलिस्ट तैयार रखें और ओरिजिनल व कॉपी दोनों साथ रखें |
कालाबाजारी (Bribery) | बिचौलियों द्वारा रिश्वत मांगना | सीधे RTO ऑफिस जाएं, बिचौलियों से बचें, सरकारी पोर्टल्स का उपयोग करें |
प्रक्रिया में देरी | कागजी कार्रवाई या लोकल छुट्टियां | ऑनलाइन आवेदन करें, समय रहते फॉलो-अप करें, छुट्टियों की जानकारी रखें |
भाषाई बाधाएं | राज्य भाषा में फॉर्म न समझ आना | स्थानीय व्यक्ति या एजेंट की मदद लें, ऑनलाइन ट्रांसलेट टूल्स का इस्तेमाल करें |
NOC मिलने में परेशानी | पिछले टैक्स या चालान पेंडिंग होना | पहले सभी बकाया क्लियर करें, आरटीओ से स्टेटस कन्फर्म करें |
टिप्स: परेशानी कम करने के लिए सुझाव
- सभी दस्तावेज़ तैयार रखें: फॉर्म 28, 29, 30, NOC, इंश्योरेंस पेपर, पते का प्रमाण आदि हमेशा साथ रखें। सभी की फोटो-कॉपी भी बनवा लें।
- ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाएं: अब ज्यादातर राज्यों में RTO सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं। Parivahan पोर्टल पर जाकर आवेदन करें। इससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी।
- फर्जी एजेंट्स से सावधान रहें: स्थानीय बाजारों में कई ऐसे लोग मिलेंगे जो जल्दी काम कराने का दावा करते हैं, लेकिन इनसे बचें और सिर्फ अधिकृत केंद्रों पर ही जाएं।
- टाइमिंग का ध्यान रखें: सरकारी दफ्तरों के टाइमिंग और छुट्टियों की जानकारी लेकर ही जाएं ताकि आपका समय बर्बाद न हो।
- लोकल भाषा सीखें: जरूरी बेसिक शब्द/वाक्य स्थानीय भाषा में जान लें या किसी दोस्त की मदद लें।
- NOC पहले से बनवा लें: यदि संभव हो तो अपने गृह राज्य से निकलने से पहले ही NOC ले लें ताकि नए राज्य में आसानी हो सके।
स्थानीय इनसाइट्स (भारतीय संदर्भ में)
- उत्तर भारत: दिल्ली, उत्तर प्रदेश या पंजाब जैसे राज्यों में प्रक्रिया थोड़ी लंबी हो सकती है, इसलिए धैर्य रखें और रसीद संभाल कर रखें।
- महाराष्ट्र/गुजरात: यहां RTO ऑफिस आमतौर पर डिजिटल हो चुके हैं; पोर्टल पर आवेदन करना आसान रहेगा।
- दक्षिण भारत: भाषा समस्या आ सकती है; किसी स्थानीय व्यक्ति की सहायता जरूर लें।
इन आसान उपायों को अपनाकर आप गाड़ी ट्रांसफर प्रक्रिया को बिना किसी बड़ी परेशानी के पूरा कर सकते हैं। प्रैक्टिकल प्लानिंग और सही जानकारी आपके अनुभव को बेहतर बना देगी।
7. समाप्ति और महत्त्वपूर्ण संपर्क जानकारी
गृह राज्य से दूसरे राज्य में गाड़ी ट्रांसफर करने की प्रक्रिया के दौरान कई बार आपको सही जानकारी और सहायता की आवश्यकता पड़ सकती है। नीचे कुछ प्रमुख हेल्पलाइन नंबर, आरटीओ कार्यालयों के पते, और ऑनलाइन संसाधनों की सूची दी गई है जो आपके लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं।
प्रमुख हेल्पलाइन नंबर
सेवा | हेल्पलाइन नंबर |
---|---|
परिवहन मंत्रालय हेल्पलाइन (MoRTH) | 1800-11-4000 |
Vahan Portal Customer Support | 0120-2459171 |
राष्ट्रीय सड़क परिवहन सहायता केंद्र | 1033 |
ड्राइविंग लाइसेंस एवं गाड़ी रजिस्ट्रेशन संबंधी सहायता | 0124-6650000 |
आरटीओ कार्यालयों के पते (प्रमुख शहरों में)
शहर | आरटीओ पता | फोन नंबर |
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दिल्ली | RTO Office, Transport Department, Sarai Kale Khan, New Delhi – 110013 | 011-24351100 |
मुंबई | Tardeo RTO, Grant Road East, Mumbai – 400007 | 022-23523888 |
बेंगलुरु | Kasturba Road RTO, Bengaluru – 560001 | 080-22210988 |
कोलकाता | Beltala RTO, 38, Beltala Road, Kolkata – 700020 | 033-24753800 |
चेन्नई | Ayanavaram RTO, Chennai – 600023 | 044-26747433 |
ऑनलाइन संसाधनों की सूची
- परिवहन विभाग (Parivahan) पोर्टल
- Vahan Vehicle Registration Online Services
- Sarathi Driving License Portal
- दिल्ली परिवहन विभाग वेबसाइट
- Ministry of Road Transport and Highways (MoRTH)
- RTO ऑफिस लोकेटर
- India Government Transport Information
महत्त्वपूर्ण बातें:
- अपने राज्य के आरटीओ कार्यालय का पता और फोन नंबर हमेशा पास रखें।
- ऑनलाइन आवेदन करते समय सभी दस्तावेज़ों को स्कैन करके सुरक्षित रखें।
- किसी भी समस्या या संदेह की स्थिति में ऊपर दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
- आधिकारिक वेबसाइटों से ही जानकारी प्राप्त करें ताकि फर्जीवाड़े से बचा जा सके।
- ट्रांसफर प्रक्रिया के दौरान किसी भी शुल्क का भुगतान केवल सरकारी पोर्टल या आरटीओ ऑफिस में ही करें।
इन महत्वपूर्ण संपर्कों और संसाधनों की मदद से आप अपनी गाड़ी ट्रांसफर प्रक्रिया को आसानी से पूरा कर सकते हैं। किसी भी प्रकार की सहायता के लिए उपरोक्त लिंक और नंबर आपके काम आएंगे।